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Showing posts from January, 2021

गणतंत्र दिवस Republic Day

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संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। हमारा संविधान लिखित एवं बहुत ही विस्तृत हैं। संविधान में प्रत्येक भारतीय के मूल अधिकारों एवं मूल कर्तव्यों का वर्णन हैं। यह हमें स्वतंत्र रूप से कार्य करने ,रहने आदि के अधिकार देता है। संविधान का निर्माण बहुत ही बुद्धिमान मनीषियों द्वारा किया गया ।हमारे देश में गणतंत्र दिवस हो या कोई भी राष्ट्रीय उत्सव सब बहुत ही धूम धाम से मनाए जाते है।गणतंत्र दिवस पर हमारे देश की तीनों सेनाएं, जल सेना ,थल सेना ,और वायु सेना सभी अपनी अपनी बहादुरी का प्रदर्शन करती है ।तथा सभी को अपनी मजबूती का एहसास कराती है ।इस दिन सभी मे एक उल्लास होता है। प्रत्येक व्यक्ति देश भक्ति के रंग में डूबा रहता है। इस दिन विद्यार्थी नृत्य एवं अपनी कलाओं का प्रदर्शन करते हैं। तथा विद्यालय अपनी झांकियों के द्वारा राष्ट्रीय एकता का संदेश देते हैं ।प्रत्येक राज्य अपनी-अपनी झांकियों के द्वारा हमारी घनिष्ट मित्रता और एकता का संदेश देती हैं।इस दिन देश के कोने कोने में रंगा रंग कार्यक्रम होते है तथा झंडा रोहन होता है ।अतः गणतंत्र दिवस...

बाल्यकाल childhood

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बाल्यकाल जिंदगी का सबसे सुनहरा काल होता हैं। यही वह समय है ,जब हमारे अपने हो या पराये हम पर जी भरकर स्नेह बरसाते हैं।एक तरह से देखा जाए तो  इस काल मे हम हर चीज़ से अनभिज्ञ होते है। हमे सबमे अपनापन नज़र आता है ।किंतु जैसे जैसे हम अन्य अवस्था मे प्रवेश करते हैं ,हमें न जाने क्या क्या नज़र आने लगता है जैसे ये मेरे अपने है ये पराये आदि ।इस प्रकार ये कहा जा सकता हैं, कि अनभिज्ञता में ही सुख हैं समझदार होने पर खुशी कही खो जाती हैं।इस सुनहरे काल मे हमारी माता ही हमारी सबसे बड़ी सेविका होती है ।यही वह काल होता हैं ,जिसमें हमारी माता द्वारा किये गए कृत्यों का एहसान हम जिंदगी भर नही चुका पाते। वैसे माता हमारी जननी है। गर्भावस्था से लेकर माता के जीवित रहने तक उनके द्वार किया गया स्नेह आदि अनमोल है ।उसका कर्ज़ एक बालक कभी नही चुका सकता ।किन्तु बाल्यकाल की बात ही अलग होती हैं।एक खुशी तो यह भी होती हैं, जब हम हमारे अपनो के लिए कुछ कर पाते है ।क्योंकि जब कोई अपना जीवन भर की मेहनत हमारे ऊपर न्योछावर कर देता है ,तो यदि हम बदले में कुछ भी उनके लिए कर पाए तो यह परम आनंद की अनुभूति कराता हैं।हम...

हताशा Desperation

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हम अक्सर जो भी अपने जीवन में चाहते है ,उसके लिए अपना शत प्रतिशत प्रयास करते हैं। किंतु कभी कभी हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति नही कर पाते और हताश हो जाते हैं ।कभी कभी ये हताशा हमारे ऊपर इस कदर हावी हो जाती है, कि हम जीवन से  हार जाते है।हमारे भीतर इतना भी साहस नहीं रहता ,कि हम दोबारा उठ खड़े हो और फिर से प्रयास करे। यदि हम कही साहस जुटाते भी है ,तो हमारे बंधन उन्हें रोक देते हैं ।या कुछ सीमाएं जो प्रत्येक स्थान पर निर्धारित होती है वह हमें रोक देती हैं।किन्तु जीवन बंधन का नही बल्कि स्वतंत्रता का नाम है।कुछ स्वतंत्रता तो हमारे देश के संविधान ने भी हमे दी है ।तो फिर ये कैसा हतोत्साह हैं ,जो हमारे उत्साह पर भारी पड़ता हैं ।हमें जीवन से हताश हुए बिना प्रत्येक दिन नई ऊर्जा नई उमंग के साथ जीवन जीना चाहिए ।यदि एक लक्ष्य प्राप्त नही हुआ तो नई दिशा का चुनाव करे ।क्योकि जीवन तो अवसरों से भरा पड़ा है ।अब ये हमारे ऊपर है ,कि हम हताशा या निराशा चुनते हैं। या फिर उतसाहित होकर नए अवसरों को भुनाते है। We often try our best for whatever we want in our life.  But sometimes we are not able ...

मातृत्व Maternity

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मातृत्व का सुख एक अलग ही अनुभव होता है, और यह अनुभव माता बनने पर ही मिलता है ।कैसे अपने बालक की छोटी छोटी किलकारियो पर विचलित हो जाना।कैसे बालक के दूर जाने से डरना ।कैसे बहुत देर तक उसे देखे बिना रह न पाना ।कैसे उसे दुग्ध पान के लिए मानाना ।कैसे उसकी हर छोटी छोटी वस्तुओ का ध्यान रखना ,उसे समझना। ये सब मातृत्व सुख की निशानी है ।जब एक स्त्री माँ बनती है  ,तो उसका जीवन उसके बालक के इर्दगिर्द घूमने लगता है ।स्वयं को तो वह जैसे भूल ही जाती है ।अब इसे सुख कहे या कुछ और, किन्तु होता ये बहुत ही शानदार अनुभव है। जो जीवन मे एक बड़ा बदलाव लेकर आता है ।यह हर स्त्री की चाहत होती है ,कि वह एक बार मातृत्व सुख का अनुभव अवश्य करे ।किन्तु कुछ स्त्रियां इससे वंचित रह जाती है। वही कुछ स्त्रियां अपने बालको का त्याग कर देती है ,बालक का त्याग करने से अच्छा है ,कि यदि कोई स्त्री अपनी आर्थिक समस्या या कोई अन्य समस्या जिसके चलते वह अपने बालक का त्याग कर रही है ,उसे न त्याग कर एक वंचित महिला को दे दे ,तो इससे बेहतर तो कुछ हो ही नही सकता ।इससे वंचित महिला भी मातृत्व सुख का भोग कर पाएगी और बालक को भ...

उत्सव Festival

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भारत उत्सवों का देश है ।यहाँ के लोग हर खुशी को उत्सव की तरह मनाते हैं।प्राचीन समय मे जब गावो में फसल की कटाई होती थी ,तब लोगो के घरों में उत्सव मनाया जाता था ।वैसे तो भारत के हर राज्य में अलग अलग उत्सव अलग अलग नामों से मनाए जाते हैं ,किंतु नाम अलग भले ही हो किन्तु हम सब उत्सव साथ मिलकर मनाते हैं ।और अपनी खुशी जाहिर करते हैं।हमारे यहाँ के उत्सव हमारी आपसी एकता तथा भाईचारे को प्रकट करते हैं ।जब हम सब मिलकर छोटी छोटी खुशियो को एक साथ मिलकर मनाते हैं ,तो उससे जो समा बनता है ,उसकी छटा अद्भुत होती हैं ।इन्ही उत्सवों में हमारी दुनिया बसती हैं। वैसे तो भारत मे अनेको त्योहार हैं ,जैसे होली ,दीवाली ,ईद ,क्रिसमस आदि ।किन्तु भारत ही ऐसा देश है  ,जहाँ फसल कटाई पर भी उत्सव मनाया जाता था ।तथा कही कही यह अभी भी जारी है ।अतः हमारे देश मे हमारी छोटी से छोटी खुशी भी उत्सव हैं। India is a country of festivals. People here celebrate every happiness as a celebration. In the ancient times, when the harvest was done in the villages, the festival was celebrated in the homes of the people. Well,...

रक्तदान Blood donation

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रक्तदान महादान है ।वैसे तो शास्त्रो में कई प्रकार के दान का वर्णन है ,किंतु रक्तदान का अपना अलग स्थान है।हमारे समाज के प्रति अनेको दायित्व है ,किंतु रक्त दान करके हम उच्च दायित्व का निर्वहन करते हैं।किसी मजबूर की मदद करने से हमे जो सबाब मिलता है ,वह अमूल्य होता है ।इस महान कृत्य में हम जितनी अधिक से अधिक भागीदारी करते हैं ,उतना ही हम राज्य के प्रति अपना समर्पण और प्रेम प्रदर्षित करते हैं।कभी कभी संकट के समय जब हम कोई सहारा नजर नही आता, तब यदि कोई अनजान व्यक्ति भी हमारी मदद कर देता है ,तो वह हमारे लिए ईस्वर से कम नही होता ।वैसे तो हमारे देश मे अब अनेको ब्लड बैंक तथा अनेको समूह है ,जो इस दिशा में कार्य कर रहें हैं। असल मे वे बहुत ही पुण्य का कार्य करते है ।अतः हमें उनका अधिक से अधिक सहयोग करना चाहिए ।यही हमारा समाज के प्रति सच्चा योगदान होगा। Blood donation is Mahadan. Similarly, there are many types of donations in the scriptures, but blood donation has its own place. We have many responsibilities towards our society, but by donating blood, we discharge a high obligation....

परवरिश Upbringing

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इंसान की परवरिश ही उसका प्रत्यक्ष रूप प्रदर्शित करता है।उसके संस्कार , उसके आचरण,उसके गुण दोष आदि सब उसकी परवरिश का ही आईना होती है।जिसमे व्यक्ति अपनी छाप देख सकता हैं। अच्छी परवरिश व्यक्ति के व्यक्तित्व पर अच्छा असर डालती है ,वही बुरी परवरिश का नतीजा बहुत बुरा होता है। लोगों को सम्मान देना ,उनकी बात को वरीयता देना ,उनके द्वारा कही गई बात को समझना आदि सब अच्छी परवरिश की ही निशानी है ।अच्छी या बुरी परवरिश देने वाले हमारे प्रथम शिक्षक हमारे माता-पिता होते हैं ।वैसे कोई भी माता-पिता हो चाहे गरीब या अमीर वह कभी यह नहीं चाहते कि हमारा बच्चा कुछ बुरा करें। सभी माता-पिता यही चाहते हैं, कि उनका बच्चा उनका नाम रोशन करें ।वे अपने बच्चे को हमेशा अच्छी परवरिश ही देते हैं ।किंतु कुछ लोग बुरी संगत में आकर उनकी परवरिश का बुरा रूप प्रदर्शित करते हैं ।माता-पिता का कार्य अच्छी परवरिश देना है किंतु वे हर समय पग पग पर हमारे साथ नहीं चल सकते ।किंतु उनके द्वारा दिए गए संस्कार ही हमारे साथी होते हैं अतः किसी भी व्यक्ति को बुरी संगत में आकर उनकी परवरिश का बुरा रूप प्रदर्शित करने से अच्छा है कि वे ...

संकल्प Oath

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संकल्प सिद्धि हेतु हमे सच्चे मन से प्रयास करना पड़ता है ।अन्यथा वह अपूर्ण रह जाता है।हम जिस प्रकार का संकल्प या धरना रखते हैं ,उसी प्रकार हमारे जीवन मे  घटित होता है ।अतः संकल्प सदैव उच्च ही रखने चाहिए ।जब हम उच्च संकल्प लेते हैं, तो हम उसके लिए अत्यधिक प्रयास करते हैं ।जिससे कि हम उस कार्य को करने में सक्षम हो जाते हैं ।और हमारे संकल्प की सिद्धि हो जाती है ।किन्तु जब हम संकल्प ही तुच्छ रखते हैं, तो यह उसी प्रकार से फलीभूत भी होता है।जीवन मे जिस जिस ने कुछ बड़ा मुकाम हासिल किया उनके संकल्प बहुत ही उच्च कोटि के थे ।वे लोग अपने द्वारा लिए गए बड़े संकल्प पर ही न्योछावर हो गए और इतिहास रच गए। अतः हमें संकल्प सदा बड़े ही लेने चाहिए ।यदि हम उन्हें पूर्ण न भी कर पाए तब भी उसके करीब जाकर कुछ तो हासिल कर ही लेंगे। We have to make a sincere effort to fulfill our determination. Otherwise it remains incomplete. The kind of resolve or dharna that we hold, happens in our life. So, the resolution should always be high. When we have high resolution  If we take it, we try hard for it s...