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Showing posts from December, 2020

विलासिता Luxury

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 वर्तमान समय में हम सब विलासिता से इतने ओत प्रोत है ,कि इसके आगे हमे कुछ भी नहीं सूझता है।आधुनिकीकरण के इस समय मे विलासिता चरम पर है ।जिससे हम अपनी सभ्यता और संस्कृति से बहुत दूर होते जा रहे हैं। हमारी सभ्यता और संस्कृति आज भी गांवों में बसती है ।भारत में 70% आबादी गांव में ही रहती है ।किंतु विलासिता के कारण गांव से शहरों की तरफ पलायन बहुत तेजी से हो रहा है ।और यह अभी से नहीं पिछले कई वर्षों से लगातार जारी है। इसी प्रकार अगर विलासिता से ओतप्रोत होकर हमारी आबादी शहरों की तरफ गांव से पलायन करती रही ,तो बहुत जल्दी ऐसा समय आ जाएगा कि हम अपनी वास्तविकता जोकि  कृषि की प्रधानता तथा हमारी परंपराएं आदि सब विलुप्त हो  जाएंगी। अतः हमें विलासिता का भोग वही तक करना है जहां तक हमारी संस्कृति सभ्यता बची रहे। At the present time, we are all so obsessed with luxury, that we have nothing to think about it. In this time of modernization, luxury is at the peak, due to which we are becoming far away from our civilization and culture.  Our civilization and culture still lives ...

अरमान Desires

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मनुष्य के जन्म लेने के साथ ही लोगो के बहुत से अरमान उससे जुड़ जाते है ,जैसे उसके माता पिता के अरमान,नात बात के अरमान आदि।जैसे जैसे उसमे वृद्धि होती वैसे वैसे मनुष्य के स्वयं से भी बहुत से अरमान हो जाते है।मनुष्य जीवन पर्यंत यही प्रयास करता रहता है ,कि कैसे वह स्वयं के और स्वयं से जुड़े लोगों के अरमान पूरे करे। किन्तु इसी बीच वह जीवन की वास्तविकता से काफी दूर चला जाता है।क्योंकि वह अरमानो को पूर्ण करने के प्रयास में वास्तविकता को देर से समझ पाता है ।इसलिए वह अपना बहुत कीमती वक्त खो देता है। अतः अरमानो की पूर्ति के साथ वास्तविकता से जुड़े रहना बहुत आवश्यक है ,जिससे मनुष्य पथ भ्रष्ट होने के बजाए नेक पथ का अनुशरण करता है। With the birth of a human being, a lot of desires of people become attached to him, like his parents' feelings, the talk of things, etc. As soon as he grows, so too many human desires become from himself.  Throughout his life, he keeps trying, how to fulfill the aspirations of himself and the people associated with him.  But in the meantime he goes far a...

अलंकरण Ornamentation

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किसी वस्तु या व्यक्ति की खूबसूरती के लिए उसका अलंकरण या साजो सज्जा उसमे चार चांद लगा देती है।अलंकृत वस्तुएं अक्सर इसलिए भी खूबसूरत लगती है क्योंकि उस पर अत्यधिक मेहनत की जाती है।किंतु हर व्यक्ति या वस्तु की एक प्राकृतिक सुंदरता होती है जोकि अलंकरण की मोहताज नही होती।यदि हम वर्तमान समय की बात करे तो सभी का अलंकरण एक अवश्यता बन गयी है जिस प्रकार का माहौल है इतना धूल प्रदूषण जिसने सभी की प्राकृतिक सुंदरता छीन ली है।किंतु आज भी हम यदि प्रकृति द्वारा दी गयी वस्तुओं का प्राकृतिक अलंकरण करते हैं तब भी उसका सौंदर्य बना रहता है। For the beauty of an object or person, its ornamentation or decoration makes it look beautiful. Ornamental objects often look beautiful because they are exaggerated. But every person or thing has a natural beauty which is ornamentation.  If we talk about the present time, then the decoration of all has become a must, the kind of environment which is so much dust pollution which has taken away the natural beauty of all. But even today, if we give natural...

प्रसन्नता Happiness

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हमारी प्रसन्नता हमारे भीतर होती है। किंतु जब जब हम इसे बाहर ढूंढने का प्रयास करते हैं ,तो हमें निराशा ही हाथ लगती है ।कभी-कभी हमें कुछ व्यक्तियों से मिलकर इतनी  प्रसन्नता होती है ,इसका कारण सिर्फ यही है ,कि जब हमारे विचार किसी अन्य व्यक्ति से मिलते हैं ,तो हमें उससे मिलकर बहुत ही प्रसन्नता होती है ।वही इसके विपरीत जब हम विचारों में विरूद्ध लोगो से मिलते है, तो दोनों के बीच विरोधाभास होता है।कुछ व्यक्ति हमारे ऊपर तथा हमारे विचारों को इतना प्रभावित करते है ,कि उनका साथ ही हमारी  प्रसन्नता का कारण बन जाता है।किन्तु यदि हम अपने विचारों को शुद्ध करे अपनी  त्रुटियों पर कार्य करे तो उससे जो सुधार होता है तो उससे जो  प्रसन्नता हासिल होती है वह अनमोल है।तथा अपनी आंतरिक प्रसन्नता ही सब कुछ है। Our happiness lies within us.  But when we try to find it out, we feel frustrated. Sometimes we are so happy to meet some people, the only reason is that when our thoughts meet another person,  So we are very happy to meet him. On the contrary, when we meet people a...

सक्रियता Activity

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अक्सर ऐसा देखा जाता है ,कि अपने रुचि के कार्य मे हम बहुत ही सक्रिय होते है।और किसी कार्य मे हम जितने सक्रिय होते है उतनी ही उसमे प्रगाढ़ता आती है।किंतु हमारा मन इतना चंचल होता है ,कि हम किसी भी कार्य के प्रति बहुत लंबे समय तक सक्रिय नही हो पाते ।अतः हमारा प्रयत्न यही होना चाहिए कि हम जिस भी कार्य को करे उसे पूरी सक्रियता एवं तल्लीनता के साथ करे।कभी कभी हमारी असक्रियता हमे बहुत कुछ खो देने के लिए बाध्य कर देती है ।वही सक्रियता हमारी इच्छाओ की पूरक होती है ।अतः निरंतर रूप से सक्रिय रहना हमारें मन ,मस्तिष्क ,हमारे शरीर के लिए बहुत लाभकारी होतां है ।और इससे यदि इच्छा पूर्ति होती है तो इससे सुखद बात कोई हो ही नही सकती। It is often seen that we are very active in our work of interest. And the more active we are in any task, the more intense it becomes.  We are not able to get active for a long time. So our effort should be to do whatever work we do with full activeness and immersion. Sometimes our inactivity forces us to lose a lot.  Wishes are complementary. Therefore, b...

दर्पण Mirror

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दर्पण एक ऐसी वस्तु है ,जो हमे हमारा प्रतिबिम्ब दिखाता है।किंतु यह हमें केवल ऊपरी या बाह्य आवरण ही दिखता है।बाह्य रूप से यह हमें हमारी सुंदरता या कुरूपता दिखाता है।दर्पण में हम अपने हाव भाव आदि को देख सकते हैं ।किंतु यह हमारा आंतरिक रूप प्रतिविम्बित नही करता।किसी को आंतरिक रूप से जानने के लिए हमे दर्पण की आवश्यकता नही होती ,बल्कि मन कि सच्चाई की आवश्यकता होती है ।जब हम किसी को पूरी तरह से जान लेते हैं ,तो हमारे नयन ही दर्पण का कार्य करते हैं ।वो दर्पण की तरह हमारी छवि हमारे सामने प्रतिविम्बित करते हैं ।अतः बनावटी दर्पण से अच्छे किसी अन्य व्यक्ति के नयन दर्पण या उसका हमारे प्रति नजरिया होता है। A mirror is an object that shows us our image. But it only shows us the upper or outer covering. In the outside it shows us our beauty or ugliness. In the mirror we can see our gestures etc. But  It does not reflect our inner form. We do not need a mirror to know someone internally, but we need the truth of the mind. When we get to know someone completely, our mirror work  The...

अपनत्व Affinity

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अपनत्व की भावना या लगाव और प्रेम की भावना ऐसी है ,कि इसे जितना हम पाना चाहते है उतना ही हमे देनी होगी।इस दुनिया मे प्रत्येक व्यक्ति अपनत्व चाहता है, दूसरो से ।क्योकिं अपनत्व या लगाव में हम नामुमकिन कार्य को भी मुमकिन कर दिखाते हैं।अपनत्व हमे बहुत संबल भी देता है ।जब हम अपने मार्ग से विचलित हो जाते हैं ,तो सही व्यक्ति का अपनत्व सही राह भी सुझाता है।कभी कभी हम ऐसे व्यक्ति से अपनत्व की उम्मीद कर लेते हैं ,जो स्वयं में बहुत अकेला है ।तो ऐसे स्थान पर हमें निराशा ही हाथ लगती है ।अतः सीधे सीधे ये समझा जा सकता हैं कि जो भी हम देंगे वही हमे मिलेगा।

सड़क Road

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सड़क की तुलना हम जीवन से कर सकते हैं।जिस प्रकार हम सड़क पर रास्ता तय करते हैं ,उसी प्रकार जीवन की यात्रा करते हैं।जिस प्रकार सड़क पर कभी कभी  कठिनइया आती है उसी प्रकार जीवन मे भी घटित होता है।जिस प्रकार थोड़े प्रयास से सड़क की कठिनाईया दूर हो जाती है उसी प्रकार जीवन मे भी होता है।सड़क से हमे बहुत प्रेरणा मिलती है यह उस ओर इंगित करती है कि जिस प्रकार अनेको कठिनाइयों के पश्चात हम अपने निर्धारित स्थान पर पहुंच जाते हैं उसी प्रकार जीवन मे भी हम अंततोगत्वा अपनी मंजिल प्राप्त कर लेते हैं। We can compare the road with life. Just as we travel the way on the road, in the same way we travel the life. Just as the road is sometimes difficult, it also happens in life.  The road gets rid of the difficulties in the same way in life. It gives us a lot of inspiration, it indicates that in the same way in life, after many difficulties we reach our designated place.  Eventually they attain their destination.