विश्व पर्यावरण दिवस



देखो सुनहरा पर्व आया,
पर्यावरण संरक्षित करने का दिन लाया।
पेड़ एक लगाएंगे हम,
उसको खाद पानी खिलाएंगे हम।
जब वह बड़ा हो जाएगा,
चिड़िया अपना घर बनाएगी तब।
बहुत कुछ वह देगा हमें,
जैसे लकड़ी फल और ऑक्सीजन।
झूम उठेगा मन हमारा,
जब बहेगी हवा अति सुंदर।
छांव में उसकी खेलेगा बालक,
और पूरी करेगा अपनी हसरत।
बसंत में फूटेंगे जब नए कोपल,
पल्लवित होंगे हम भी उसके संग।
नई छटा बिखेर देंगे जब वृक्ष,
हर्षित होगा पृथ्वी का कण-कण।

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