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Showing posts from March, 2021

निर्बलता Weakness

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निर्बलता एक मानसिक बीमारी की तरह ही है ।निर्बल व्यक्ति बहुत कमजोर होते हैं ।ये थोड़े से भी परिवर्तन शील नही होते ,बल्कि परिवर्तनों से बहुत घबराते हैं ।निर्बलता को अपने मन से जीता जा सकता है। क्योंकि हमारा मन ही हमे विचलित भी करता है ।और संबल भी देता है ।कहावत भी इसी संदर्भ में है ,कि मन के जीते जीत है ,और मन के हारे हार।अतः हमें मन से कभी निर्बल नही होना चाहिए ।परिवर्तन तो सृष्टि का नियम है, अतः परिवर्तनों को खुले मन से स्वीकारना चाहिए।कोई भी कार्य करते समय यदि उसे करने में निर्बलता का अभास हो, तो उस कार्य को करते समय अच्छे -अच्छे विचारों का अपने मन, मस्तिष्क में संकलन करे ।कुछ अपनी पसंद के कार्य ,जैसे संगीत आदि का मनन करे ।जिससे उस कार्य को करने में रुचि आये ।और यह तो सर्व विदित है की ,अपनी रुचि के कार्य मे हमे निर्बलता कभी नही आती।हमे प्रयास करना चाहिए कि हम अपने मन पर नियंत्रण प्राप्त कर ले, क्योकि एक नियंत्रित मन अत्यंत ही मजबूत होता है।इतिहास भी गवाह है कि जिसने अपने मन पर विजय प्राप्त कर ली उसने बहुत सी निर्बलताओ को पछाड़ दिया।

जन सभाये Public Meetings

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जन सभाये प्रायः चुनावी काल मे ज्यादा होती है ।प्रत्येक जन सभा का एक उद्देश्य होता है ।कभी कभी जन सभाये उद्देश्य हीन होकर मात्र मनोरंजन युक्त होती है ।जन सभाओ में अक्सर लोगो का बहुत बड़ा हुजूम उमड़ता है।लोग जन सभाओ को संबोधित करने वाले व्यक्ति को अपना प्रतिविम्ब मानते हैं ।जन सभा को संबोधित करने वाले कि बातो में वो अपना हित खोजते हैं ।कभी कभी जन सभाये लोगो के हित में तथा कभी कभी ये निरुद्देश्य साबित होती है ।जन सभा को संबोधित करने वाले व्यक्ति पर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है ।उसका यह फ़र्ज़ होता है, कि वह अपनी बातों से लोगो का मन आकर्षित करे ।ज्ञान वर्धक तथा अच्छी बातें करे। तथा अपना सम्पूर्ण वक्तव्य जनहित में समर्पित करे ।जन सभाये केवल चुनावी मुद्दा नही है ।बल्कि ये और भी स्थानों पर होती है। जैसे भक्ति को प्रेरित करने वाली, संगीत को जन जन तक पहुचाने वाली आदि ।यदि जन सभाओ का उद्देश्य अच्छा है तो ये अधिक से अधिक होंनी चाहिए क्योंकि इससे लोगो को एक साथ एकत्रित होने का अवसर मिलता है तथा हमारी एकता भी झलकती है। Public meetings are usually more during the election period. Every pub...

समक्षता Presence

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 जब हमें अवसर मिले किसी अन्य के समक्ष स्वयं को प्रस्तुत करने का तो हमे अपनी शत प्रतिशत समकक्षता प्रदर्शित करने का प्रयास करना चाहिए ।आज का समय प्रतियोगिता का है आए दिन कोई न कोई प्रतियोगी परीक्षा होती रहती है जोकि कई चरणों मे होती है ।कभी जब हम कुछ चरण पार कर लेते हैं तो हमे  परीक्षक के सामने अपनी  समक्षता प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है तो हमें अपना पूरा प्रयास करना चाहिए जिससे कि हम अपनी समक्षता से  परीक्षक को प्रसन्न कर सकें यह सिर्फ प्रतियोगी परीक्षा में ही नहीं होता बल्कि आए दिन हम किसी भी स्थान पर जब हम साक्षात्कार के लिए जाते हैं तब भी हमें अपने साक्षात्कार लेने वाले के समक्ष स्वयं को प्रदर्शित करना होता है एक बात तो सर्व विदित है कि हम अपना शत-प्रतिशत तभी दे सकते हैं जब हम उसके लिए पूर्ण प्रयास करें और पूरा प्रयत्न करके तब उपस्थित हो।हमे अपनी सकारात्मक समक्षता सिर्फ शिक्षा के  क्षेत्र में ही नही बल्कि प्रत्येक क्षेत्र में प्रदर्शित करनी होती हैं अतः जब भी अवसर प्राप्त हो तो अपनी सकारात्मक समक्षता ही प्रदर्शित करे। When we have the opportunity...

सक्षमता Competence

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  सक्षमता या सफलता हमें निरंतर प्रयास के बाद मिलती है ।इसे बनाए रखने के लिए उदार स्वभाव ,कर्मशील आदि होना अति आवश्यक है। सक्षम होने के पश्चात यदि हम अपने स्वभाव में स्वार्थी पन लेकर आते हैं ,तो हमारी सक्षमता या सफलता सीमित हो जाती है। किंतु यदि हम दूसरों को उनकी मंजिल प्राप्त करने में मदद करते हैं ,तो हम दूसरों की सफलता के कारण भी बनते हैं ।सफलता या सक्षमता का सही मायने तभी है ,जब हम स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी अपने साथ लेकर चले। स्वार्थी सक्षमता क्षणिक होती है ।जबकि निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करने पर हमारी सक्षमता या सफलता बहुत ही लंबे समय तक जीवंत रहती है ।जब हम सफल या सक्षम हो जाते हैं तो हम बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हो जाते हैं ।लोग हमसे हमारे अनुभव आदि के बारे में बात करते हैं। यदि हम अपने अनुभव का प्रयोग दूसरों को सक्षम बनाने में करते हैं तभी हम एक सक्षम व्यक्ति कहलाते हैं अतः अपनी सक्षमता का सदैव जनहित में निरूपण करें। We get competence or success after continuous effort. To maintain it, it is very important to have a generous nature, work, etc....